बोड़ला : बिगरहा के ग्रामीण रोड़,पुल और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।।

बोड़ला : बिगरहा के ग्रामीण रोड़,पुल और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।।
बैजलपुर :- सुदूर वनांचल के ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम बिगरहा के ग्रामीण रोड़, पुल और बुनियादी सुविधाओं को लेकर बहुत ज्यादा वंचित और निराश है क्युकी गांव जंगलों से घिरा होने के कारण यहां सुविधाएं पहुंच नही पाती है गांव में लगभग 200 लोग निवासरत है इतने लोगो की समस्या को अनदेखा नही किया जा सकता। यहां के ग्रामीण लोग कैसे रहते हैं शासन प्रशासन को एक बार यहां आकर जरूर देखना चाहिए,अगर ऐसा होता है तो सरकार की सबसे बेहतरीन पहल होगी।।
*बिगरहा के ग्रामीणों ने की पुल की मांग।।*
बिगरहा में ग्रामीणों को आवागमन में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है गांव से बाहर ले जानी वाली रास्ता में रपटा ( नाला) है रास्ता सीधा पचराही निकालती है गांव वालो के बार बार प्रयास के बाद वहां दोनद लगाया गया है लेकिन वह भी बरसात चालू होते ही छतिग्रस्त हो जायेगा, बरसात के दिनों में बहुत ही ज्यादा पानी की बहाव होती है बाड की तरह क्युकी पास में जंगल लगा हुआ है पूरा पानी जंगल से आती है जिससे पूरा बिगरहा छतिग्रस्त होता ही है और आवागमन में पूरा बाधा आ जाती है ।
*स्वास्थ्य केंद्र जाने में होती है दिक्कत*
बिगरहा में लगभग 200 लोग निवासरत है अगर किसी की तबियत खराब होती है तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बैजलपुर ले जाने में बहुत ही ज्यादा दिक्कत होती है सही समय पर रोगी को पहुंचा पाना नामुमकिन है एंबुलेंस भी नही पहुंच पाती है क्युकी पुल ही नही है जबकि यह गांव का मुख्य मार्ग है।जीवनयापन के लिए कुछ समान के लिए जाना या राशन के लिए जाना,बाजार हाट जाना आदि कार्यों में बहुत ही ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है।।
*शासन प्रशासन को दिया गया आवेदन*
बिगरहा के ग्रामीणों ने कई बार पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर पुल की मांग को लेकर विधायक महोदय जी को आवेदन दिए है लेकिन अभी तक उनके मांगे पूरा नही हुआ है ग्रामीण विधायक महोदय जी से आस लगाकर बैठे हुए है अगर पुल बन जाती है तो गांव में खुशियां या त्यौहार मनाया जाएगा।।
*जंगल ,पहाड़ी होकर जाते है बाजार-हाट*
बिगरहा के ग्रामीण जन बताते है बाजार हाट जाना होता है तो जंगल ,पहाड़ी से गुजरकर बैजलपुर बाजार जाते है वहा बहुत से चीजों के लिए हमारा आना जाना लगा रहता है जैसे बैंक,स्वास्थ्य केंद्र,रोजगार,बाजार हाट ,स्कूल ,पंचायत,राशन दुकान आदि , ग्रामीणों ने कहा कि रोड की आवश्यकता है ऐसे ही पहाड़ी को काट कर रास्ता बना दिया गया है जिसमे चलकर जाते है रोड़ बन जाता तो आवागमन में आसानी हो जाती ।।
*जंगल ,पहाड़ी से घिरा हुआ गांव*
बिगरहा एक ऐसा गांव है जो पूरी तरह से जंगल पहाड़ों से घिरा हुआ है लोग यहां जीवन यापन के लिए रोजगार ढूंढते है गाय ,बकरी ,मुर्गी , सुअर आदि पालन करते है अनाज में कोदो, कुटकी , धान, ज्वार बाजरा आदि फसल उगाते है शासन प्रशासन की योजनाओं व बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह जाते है जानकारी के अभाव के कारण ।यहां प्रमुख रूप से बैगा आदिवासी और यादव निवासरत है।।
ग्रामीणों में सुंदर बैगा,सोनूराम, बैसाखू ,बिरसिंह ,सोनसिंह , बिसराम,भादू, बिरन यादव धनशाय,परमात्मा आदि ने गांव की मुख्यरोड में पुल और जंगल पहाड़ी वाली रास्ता में रोड़ की मांग किए है।।